Skip to main content

Posts

Showing posts from March, 2024

छप्पनिया अकाल - chhapaniya akal - चौंकाने वाली छप्पनिया काल कहानी

छप्पनिया अकाल  - history

History of Nalanda university in hindi - नालंदा विश्वविद्यालय क्यों और क...

भारतीय सभ्यता के इतिहास में नालंदा महाविहार का विशेष स्थान है। यह विश्व के सबसे प्रमुख बौद्ध शिक्षा केंद्रों में से एक था जो 5वीं सदी से 12वीं सदी तक विश्वभर में छाया डालता रहा। नालंदा की महाविहार का इतिहास एक शिक्षा केंद्र के रूप में उसकी महत्वपूर्ण भूमिका को प्रकट करता है, जो विद्यार्थियों को विज्ञान, दर्शन, और साहित्य की ऊंची शिक्षा प्रदान करता था। नालंदा महाविहार का नाम बौद्ध धर्म के महान प्रचारक और सम्राट कुमारगुप्त के प्रासादी प्रथम श्रीगुप्त द्वितीय के पुत्र शक्रगुप्त ने बौद्ध धर्म के विश्वासी गजश्री विष्णुगुप्त के प्रेरणा से मिलान राज्य के नालंदा नामक स्थान पर आयोजित किया था। इसके बाद से नालंदा महाविहार बौद्ध धर्म और शिक्षा के केंद्र के रूप में प्रसिद्ध हो गया। नालंदा महाविहार एक अद्वितीय शिक्षा संस्थान था जो भारतीय और विदेशी छात्रों को उच्च शिक्षा प्रदान करता था। यहां बौद्ध धर्म के सिद्धांत, विज्ञान, और विभिन्न कलाओं की शिक्षा दी जाती थी। नालंदा महाविहार के गुरु और विद्यार्थी विभिन्न देशों से आते थे, जिनमें चीन, श्रीलंका, तिब्बत, म्यांमार, थाईलैंड, जापान, कोरिया, वियतनाम, नेपा...

मोदी की तानाशाही - Dhurav Rathee Exposed - Narendra Modi - AAP party

why modi is not a dictator

रानी कर्णावती की अनसुनी कहानी - Rani Karnavati & himayun history - Mewar...

नमस्कार जब मेवाड़ की रानी कर्णावती ने हिमायुँ को राखी भेज दी क्यों 13000 औरतें को जोहार करना पड़ा तो क्यों हमें पढाया जाता है की रानी कर्णावती की हिमायुँ ने सहायता की थी तो क्या है वो कल सच जो हमसे छुपाया गया ये कहानी है मेवाड़ के राजा राणा संग की पत्नी रानी कर्णावती जी, प्रेजेंट टाइम में राजसमंद भीलवाड़ा उदयपुर और चित्तौड़गढ़ इन चारों को अगर मिला दिया जाए तो वो पहले का मेवाड़ बन जाता है मेवाड़ के राजा राणा संग ने अपने जीवन में अनेक युद्ध लड़े और हर युद्ध था एक नई कहानी की शुरुआत, राणा संग की वीरता का परिचय आप इस बात से लगा सकते हो की राणा संग ने अपनी जिंदगी में 100 में से 99 युद्ध उन्होंने जीते हैं ये वो राणा संग ही था जिसे रणभूमि में देख दुश्मन थरथर कांपता था  जिसने दिल्ली संतमत को कई बार ललकार रहा था इस महान योद्धा के हाथ कट जान और शरीर पर 80 गांव होने के बाद भी ये हर युद्ध जितना ही जा रहा था ऐसे क्या स्थिति ए की इतने महान राजा महाराजा राणा संग की पत्नी महारानी कर्णावती मुगल साम्राज्य के राजा राजा हिमायुँ को राखी भेजनी पड़ी वो भी अपनी मदद के लिए तो मैं आपको थोड़ा सा पीछे लेक चला...