मोहनजोदड़ो: प्राचीन सिंधु घाटी सभ्यता का अद्वितीय नगर मोहनजोदड़ो, जिसका अर्थ है "मृतकों का टीला", सिंधु घाटी सभ्यता का एक महत्वपूर्ण और प्राचीन नगर है। यह नगर वर्तमान पाकिस्तान के सिंध प्रांत में स्थित है और इसकी खोज 1920 के दशक में हुई थी। इस नगर की खोज और इसके संरचनाओं ने विश्व इतिहास को एक नया दृष्टिकोण दिया है, जिससे हमें प्राचीन सभ्यताओं की उन्नति और उनकी जीवनशैली के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी मिली है। मोहनजोदड़ो की खोज मोहनजोदड़ो की खोज 1922 में राखालदास बनर्जी, जो एक भारतीय पुरातत्वविद् थे, ने की थी। इस खोज ने पूरी दुनिया को चौंका दिया क्योंकि यह स्थान मानव सभ्यता के प्रारंभिक समय का एक प्रमुख केंद्र था। यह नगर लगभग 2600 ईसा पूर्व बसाया गया था और लगभग 1900 ईसा पूर्व तक आबाद रहा। मोहनजोदड़ो और हरप्पा के साथ, यह नगर सिंधु घाटी सभ्यता का एक मुख्य केंद्र था। नगर का स्वरूप और संरचना मोहनजोदड़ो अपने समय का एक सुव्यवस्थित और योजनाबद्ध नगर था। इसकी सड़कों का जाल ग्रिड प्रणाली पर आधारित था, जिसमें मुख्य सड़कें एक दूसरे को समकोण पर काटती थीं। यहाँ के घर पक्की ईंटों से बने थे और...